गुरू गोबिन्द सिंह जी (२२ दिसम्बर १६६६ -७ अक्तूबर १७०८) सिक्खों के दसवें गुरू थे। उन का जन्म पटना साहिब में गुरू तेग़ बहादुर जी के घर हुआ । उन के माता जी का नाम माता गुजरी जी था। उन्होंने सन १६੯੯ की बैसाखी वाले दिन खालसा पंथ की सृजना की। वह उच्च कोटी के कवि थे और ५२ और कवि उन के दरबार की शोभा बढ़ाते थे। उन की लिखतों के सम्बंध में विद्वानों में मत भेद हैं। कई विद्वानों का विचार है कि उन की अपनी, और दूसरे कवियों की रचनायें आनन्दपुर साहिब छोड़ने के समय पर सिरसा नदी में बह गई थे। कई ओर विद्वानों का विचार है कि उन की रचनायें ओर ग्रंथों में मिलती हैं।