शाह हुसैन (१५३८ -१५੯੯) पंजाबी सूफ़ी कवि और संत थे। आप के पिता जी शेख उस्मान ढड्डे जुलाहे
का काम करते थे। उन का जन्म लाहौर (पाकिस्तान) में हुआ । वह अकबर और जहाँगीर के
समकालीन थे और उन के गुरू अर्जुन देव जी और छज्जू भक्त के साथ अच्छे सम्बन्ध थे। उन को पंजाबी
काफ़ी की रचना में शुरूयात करने वाला भी माना जाता है। उन के बहुत से अलंकार जुलाहों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी के साथ सम्बंधित
हैं। उन की रचना संगीतक और सादी होने के कारण लोगों में बहुत ही हरमन प्यारी रही है। उन की
कब्र और मज़ार बाग़बानपुरे में शालीमार बाग़ के नज़दीक है। यहाँ हर साल उन का उर्स 'मेला
चिराग़ां' के नाम के साथ मनाया जाता है।